Balasaheb Thackeray-एक ऐसा आदमी जो खुलेआम धमकी देता था। जो कि Mumbai को देश की राजधानी बनाना चाहता था।
उनके दरबार में विरोधी भी हाजिरी लगाने आते थे। इनका नाम था Balasaheb Thackeray
चांदी के सिंहासन पर बैठने के शौकीन बालासाहेब ठाकरे खुलेआम धमकी देते थे। यह बात है सन् 1990 के आसपास की कश्मीर में इस्लामी आतंकवाद चरम पर था।
कश्मीरी पंडितों को भगाया जा रहा था। अमरनाथ यात्रा चल रही थी। आतंकवादियों में यात्रा बंद करने की धमकी दे दी थी। और कहा जो भी अमरनाथ यात्रा आएगा वह वापस नहीं जाएगा
तब बालासाहेब ठाकरे ने एक बयान दिया, की हज के लिए जाने वाली 99% फ्लाइट्स Mumbai एयरपोर्ट से जाती है, देखते हैं यहां से कोई यात्रा मक्का मदीना कैसे जाती है। अगले दिन ही अमरनाथ यात्रा शुरू हो गई।
सन 1992 में बाबरी मस्जिद गिरा दी गई तो बालासाहेब ठाकरे आप की अदालत के शो में आए हुए थे। जब उनसे कहा गया कि सुना है
यह काम शिवसैनिकों ने किया है तो वे बोले कि यह काम शिवसैनिकों ने किया है तो यह गर्व की बात है।
बालासाहेब ठाकरे का बचपन का नाम था बाल केशव ठाकरे जो वक्त के साथ साथ बालासाहेब ठाकरे बन गया। 1980 के दशक में बालासाहेब ठाकरे ने मुसलमानों के बारे में कहा कि यह कैंसर की तरह फैल रहा है।
देश को इनसे बचना चाहिए 1950 के आसपास टाइम्स ऑफ इंडिया के संडे एडिशन में इन्हीं के कार्टून छपते थे। उन्होंने 1960 में यह नौकरी छोड़ दी थी। बालासाहेब ठाकरे को हिंदू ह्रदय सम्राट कहा जाता था।
उनका मोदी की तरह बिना देखे भाषण देना लोगों के मन को भा गया उन्हें सुनने के लिए लाखों की भीड़ एकजुट हो गई थी। बालासाहेब ठाकरे जब किसी का विरोध करते थे।
तो दुश्मनों की तरह और अगर तारीफ करते थे तो ऐसे जैसे उनसे बड़ा कोई मित्र ही नहीं 19 जून 1966 को बाबा साहेब ठाकरे ने शिवाजी पार्क में नारियल फोड़कर अपने दोस्तों के साथ पार्टी मनाई।
शिवसेना जो आज भी चल रही है। बालासाहेब ठाकरे की एक खास बात थी, कि वह कभी किसी से मिलने नहीं गए।
बड़े-बड़े बॉलीवुड एक्टर बियर पीने और उनसे मिलने उनके घर आते थे। जैसे नरेंद्र मोदी, माइकल जैक्सन
बालासाहेब ठाकरे के कुछ स्पेशल शौक थे। सिगार व्हाइट वाइन एक्सेक्ट्रा ज्यादातर लोग फोटो या इंटरव्यू में उनके हाथ में पाइप या सिगार होती थी।
1999 में बालासाहेब ठाकरे पर 6 साल वोट डालने व चुनाव लड़ने पर बैन लगा था। लेकिन बालासाहेब ठाकरे ने कभी अपने जीवन में चुनाव नहीं लड़ा।
उनकी मौत से 2 महीने पहले एक बयान आया की आर्मी मेरे हवाले कर दो मैं देश को 1 महीने में ठीक कर दूंगा।
17 नवंबर 2012 बालासाहेब ठाकरे का निधन हो गया। उस दिन पूरी Mumbai बंद हो गई थी।
अंतिम यात्रा में 5 लाख से अधिक लोग शामिल हुए। थोड़ी थोड़ी देर बाद एक आवाज उठती है। बालासाहेब लाखों लोग चिल्लाते रहे। अमर रहे।
बालासाहेब ठाकरे ना तो मुख्यमंत्री थे और ना ही सांसद फिर भी उन्हें मरने के बाद 21 तोपों की सलामी दी गई। जो राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री को मिलती है। यह रुतबा था बालासाहेब ठाकरे का ऐसे शेर दिल हिंदू सम्राट थे।
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