एक बाप की 4 आलसी बेटे की कहानी!
आलसी बेटे की कहानी
एक गांव में एक बूढ़े मां बाप रहते थे उनके चार बेटे थे जो कि बहुत ही आलसी थे कोई काम नहीं करते थे।
बूढ़े मां-बाप दिन रात काम करते खेती करते और घर में पैसा लाते तो बेटे लेकर उन पैसों से जुआ खेलते हैं और बेकार की चीजों में पैसे बर्बाद करते थे।
अपने बेटो की इस हरकत से मां- बाप बहुत परेशान रहते पर कुछ कर नहीं पाते।
क्या हुआ जब उनका बूढ़ा पिता बीमार पड़ गया!
एक दिन बूढ़े पिता बीमार थे और खेती का आधा काम करना बाकी था।
बूढ़ी मां से जितना होता उतना करती पर सारा काम वो अकेले नहीं कर पाती।
उनके पिता ने क्या तरकीब लगाई!
एक दिन बूढ़े पिता ने एक तरकीब लगाई अपने बेटों से कहा कि हमारी एक बनजर जमीन है।
जहां खेती नहीं होती लेकिन मैं अब बूढ़ा हो चुका हूं! पता नहीं जी पाऊंगा भी या नहीं!
इसलिए मैं यह राज तुम चारों को बता रहा हूं! उस जमीन के अंदर मेरे पिता ने एक सोने का घड़ा दबा रखा था! जो कहा था कि आगे चलकर तुम्हारे अपने बच्चों के काम आएगा!
बूढ़े पिता ने अपने चारो बेटो से कहा कि तुम चारो उस खेत को खोदो और उसमे से सोने से भरा घड़ा निकालकर आपस में बांट लो।
चारो बेटो ने सोचा बिना मेहनत के ही हमे इतना सारा धन मिल रहा है तो इस बंजार जमीन को खोदना कोई बड़ी बात नहीं है।
चारो बेटे काम पर लग गए और सारी बंजर जमीन को खोदना शुरू कर दिया देखते ही देखते सारी जमीन खोद दिए!
क्या हुआ जब उन्हें सोने का घड़ा नहीं मिला तो!
उन्हें सोने का घड़ा नहीं मिला चारो निराश होकर घर जाने के लिए निकालने ही वाले थे कि सबसे छोटे भाई ने कहा!
भाईयो पिता जी बीमार है! और मां से भी उतना काम नहीं हो पा रहा है!
हम सबने मिलकर इस बंजर जमीन को खोद ही दिया है! तो क्यों ना इसमें मक्के के बीज डाल दे!
सभी भाईयो ने हामी भरी और बीज डाल दिया! और कुछ महीनों बाद वो खेत सुनहरे मक्को से लहलहा उठी!
बूढ़ा बाप ओर उनके चारो बेटे जब उस खेत पर गए! तो बूढ़े पिता ने कहा यही है वो सोने से भरा घड़ा!
तुम चारो की मेहनत की वजह से ये बंजर जमीन भी उपजाऊ हो गई!
अब चारो बेटो को समझ आया कि वो अगर चाहे तो कुछ भी कर सकते हैं!
अब चारो बेटे मिलकर अपने मां बाप की सेवा करते है! और खेती का सारा काम भी संभालते हैं!