योगी प्रल्हाद जानी जो कुछ नहीं खाते पीते थे!(Yogi Pralhad Jani who used to eat nothing and drink!)
अहमदाबाद से लगभग 200 किलोमीटर की दूरी पर अंबाजी नामक स्थान में एक तपस्वी रहते थे! जिनका नाम प्रल्हाद जानी (Pralhad Jani) था! इन्हें चुनरी वाला माताजी के नाम से भी जाना जाता था !11 साल की उम्र में अधिवक्ता ने प्रल्हाद जानी को देवी अंबा का भक्त बना दिया और उनका दावा था! कि देवी ने उन्हें आशीर्वाद दिया था! और उन्हें एक अमृत के माध्यम से अलौकिक शक्ति प्रदान की थी! जिससे वह बिना कुछ खाए पिए ही जीवन बिता सकते थे!
प्रल्हाद जानी के बारे में क्या रहस्यमई बातें हैं?(What are some mysterious things about Pralhad Jani?)
यह बात सच भी है, सन 2003 और सन 2010 में उन पर कुछ विशेषज्ञों की एक चिकित्सक अनुसार टीम द्वारा एक वैज्ञानिक शोध अध्ययन किया गया था! जिसमें कैमरा द्वारा उनकी लगातार निगरानी की जा रही थी! जहां पर उन्होंने महीने से कुछ नहीं खाया पिया था! जांच करने के बाद विशेषज्ञों की टीम हैरान रह गई! कि कोई कैसे इतने दिनों तक बिना कुछ खाए पिए रह सकता है!यह तो कुछ दिनों की बात प्रल्हाद जानी का दावा था! कि उन्होंने सन 1940 से लेकर आज तक कुछ नहीं खाए पिए थे!
योगी प्रल्हाद जानी का का जन्म और मृत्यु !(Birth and death of Yogi Pralhad Jani)
प्रल्हाद जानी (Prahlad Jani) का जन्म 13 अगस्त 1929 को चरादा गांव मेहसाणा जिला गुजरात में हुआ था। तथा प्रल्हाद जानी 26 मई 2020 को चरादा गांव मेहसाणा जिला गुजरात में ही इस दुनिया को विदा कर चले गए और उन्हें श्रद्धांजलि 28 मई को मिली!
Mysterious caves Where no one has reached(रहस्यमई गुफाएं)
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