दोस्तों आदि अनादि अनंत है Bholenath महादेव संपूर्ण धरती पर शिवजी के उपवास को की गिनती करना मुमकिन नहीं है। उनकी भक्ति का कुछ अलग ही नशा है। आनंद है। आपने हर गली हर चौराहे पर शिव मंदिर जरूर देखा होगा। लगभग सभी शिव मंदिरों में आपने शिवलिंग जरूर देखा होगा। संपूर्ण पृथ्वी पर महादेव जहां-जहां प्रकट हुए वहां वहां एक शिवलिंग जागृत रूप में स्थापित हुआ है। और धरती पर कुल 12 जगह पर bholenath शिव जी ने स्वयं दर्शन दिया है। और इस प्रकार कुल 12 ज्योतिर्लिंगों की स्थापना हुई। कहा जाता है की जो भी व्यक्ति इन 12 ज्योतिर्लिंगों की दर्शन कर लेता है उन्हें मौत के बाद मोक्ष प्राप्त होता है मोक्ष प्राप्त होता है। और जीते जी उसके सारे संकट सारे कष्ट दूर हो जाते हैं कहा जाता है किमहाशिवरात्रि के दिन स्वयं देवता भी धरती पर आकर इन 12 ज्योतिर्लिंगों की आराधना करते हैं। तो धरती पर कहां-कहां है यह ज्योतिर्लिंग और इनके नाम क्या है आइए आज हम आपको सारी जानकारी बताते हैं।
1) सोमनाथ:-दोस्तों धरती का सबसे पहला ज्योतिर्लिंग है। सोमनाथ भारत के गुजरात राज्य में स्थित है। माना जाता है कि सोमनाथ ज्योतिर्लिंग गुजरात के सौराष्ट्र जिले जिले में स्थित है। यह ज्योतिर्लिंग भारत का ही नहीं पूरी दुनिया का सबसे पहला ज्योतिर्लिंग है। शिव पुराण के अनुसार एक बार प्रजापति दक्ष ने चंद्रदेव को छय रोग होने का श्राप दिया था। तब चंद्रमा द्वारा इसी स्थान पर तपस्या करके भगवान शंकर को प्रसन्न किया गया था और भगवान शिव ने उन्हें दर्शन देकर श्राप मुक्त किया था। माना जाता है कि सोमनाथ ज्योतिर्लिंग की स्थापना स्वयं चंद्रमा द्वारा की गई है।
2) मल्लिकार्जुन:-या ज्योतिर्लिंग आंध्र प्रदेश में कृष्णा नदी के तट पर श्रीशैल नामक पर्वत पर स्थित है। इस मंदिर को कैलाश पर्वत के समान महत्व मिला है। माना जाता है भगवान शिव स्वयं निवास करते हैं। इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन मात्र से ही सारे पापों का नाश हो जाता है और सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है।
3) महाकालेश्वर:-भारत के मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर है। महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग भारत का एकमात्र दक्षिणमुखी शिवलिंग है। पूरे विश्व में यहां पर की जाने वाली भस्म आरती बेहद प्रसिद्ध है। इस आरती के लिए भस्म अभिषेक के दर्शन के लिए लाखों भक्त यहां पर आते हैं दुनिया भर से। कहां जाता है कि महाकालेश्वर के दर्शन मात्र से ही मृत्यु का भय दूर हो जाता है। और उसकी आयु में वृद्धि होती है। और उसे असमय मृत्यु से नहीं मरना होता है।
4) ओमकारेश्वर:- यह ज्योतिर्लिंग भी भारत के मध्य प्रदेश में स्थित है। यह मंदिर इंदौर शहर के पास स्थित है। जहां पर या मंदिर स्थापित है वहां पर नर्मदा नदी बहती है। और पहाड़ों के चारों ओर इस नदी के बहने पर यहां ओम का आकार बनता है। कहते हैं ओम शब्द की उत्पत्ति जगतपिता ब्रह्मा के मुंह से हुई। यह ज्योतिर्लिंग ओम का आकार किए हुए हैं इसीलिए इसे ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग कहा जाता है।
5) केदारनाथ:- इससे से तो आप भली-भांति जानते होंगे परिचित होंगे। उत्तराखंड के केदारनाथ के स्थित ज्योतिर्लिंग को भी भगवान के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना गया है। यह मंदिर बाबा केदारनाथ के नाम से प्रसिद्ध है। तथा बद्रीनाथ के मार्ग में स्थित है। या तीर्थ भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। यहां भी लाखों की संख्या में भक्तजन बाबा केदारनाथ जी के दर्शन के लिए आते हैं।
6) भीमाशंकर:-यह ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के पुणे जिले के शाहाद नाम का एक पर्वत है वहां पर स्थित है। भीमा ज्योतिर्लिंग कहा जाता है कि जो भी भक्त यहां प्रतिदिन प्रातः सूर्य उदय के बाद यहां दर्शन करने आता है। उसके साथ जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं। और उसके लिए स्वर्ग के दरवाजे खुल जाते हैं।
7) काशी विश्वनाथ:- या ज्योतिर्लिंग उत्तर प्रदेश के काशी जिले में स्थित है पूरे भारत में काशी धर्म स्थलों में सबसे बड़ा धर्म स्थल माना जाता है। इस ज्योतिर्लिंग को काशी विश्वनाथ मंदिर के नाम से जाना जाता है। कहा जाता है कि तलाला आने पर भी यह स्थान बना रहेगा नष्ट नहीं होगा। क्योंकि इस स्थान की रक्षा स्वयं महादेव जी करते हैं।
8) त्र्यंबकेश्वर:-यह ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के नासिक जिले में गोदावरी नदी के समीप स्थित है। और यही पास में ब्रह्मा गिरी पर्वत है और यही पर्वत गोदावरी नदी का उद्गम स्थान है। कहते है कि भगवान bholenath शिव ने गौतम ऋषि को यही दर्शन दिए थे और उन्हीं के आगरा पर निवेदन पर त्रिंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग की स्थापना हुई।
9) बैद्यनाथ:-यह स्थान पूर्व में बिहार और वर्तमान में झारखंड राज्य में संथला परगना के दुमका नामक जनपद में स्थित है। इससे वैद्यनाथ धाम भी कहा जाता है यहां भी लाखों की संख्या में भक्तजन दर्शन के लिए आते हैं।
10) नागेश्वर:- यह ज्योतिर्लिंग गुजरात के भारी क्षेत्र द्वारिका में स्थित है। इससे नागेश्वर ज्योतिर्लिंग कहा जाता है भगवान शिव का एक नाम नागेश्वर bholenath भी है। यह स्थान द्वारका नगरी से 17 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। कहा जाता है कि यह ज्योतिर्लिंग मनोकामनाएं पूर्ण करता है। जो भी व्यक्ति पूर्ण श्रद्धा भाव से यहां दर्शन के लिए आता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है।
11) रामेश्वर:- तमिलनाडु राज्य के रामनाथपुरम में रामेश्वर नामक ज्योतिर्लिंग स्थित है। रामेश्वर ज्योतिर्लिंग हिंदुओं के चार धाम में से एक है। कहा जाता है कि रावण से श्री राम जी युद्ध करने से पहले यहां पर उन्होंने शिवजी की पूजा की थी। और स्वयं रावण मैं वहां आकर ब्राह्मण ग्रुप में कर्मकांड किया था। भगवान श्रीराम को पूजा-अर्चना करवाई थी। श्री राम जी के हाथों शिवलिंग का स्थापना होने के कारण इसे रामेश्वर bholenath ज्योतिर्लिंग भी कहा जाता है।
12) घुश्मेश्वर:-महाराष्ट्र के संभाजी नगर के पास दौलता बाद के समीप यह मंदिर है। बौद्ध भिक्षुओं द्वारा निर्मित एलोरा के प्रसिद्ध गुफाएं इसी मंदिर के समीप में स्थित है