पंजशीर के शेर करेंगें तालिबान आतंकियों का शिकार!

तालिबान के खिलाफ लड़ने को तैयार पंजशीर के शेर !

अभी-अभी एक रिपोर्ट के मुताबिक आई है कि पंजशीर अब तालिबान के खिलाफ लड़ने की तैयारी कर रहा है जो कि अहमद शाह मोसाद के नेतृत्व में किया जाएगा! अब अफगानिस्तान के आर्मी ने भी उनसे हाथ मिला लिया है और वह अफगानिस्तान से तालिबानियों की भगाने मैं मदद करेंगे! Taliban

अहमद शाह मोसाद कौन है! Vs Taliban

आखिर में यह अहमद शाह मोसाद कौन है!कौन है जो कि तालिबानियों के खिलाफ लड़ने को तैयार है और उनसे अपना देश अफगानिस्तान को छुड़ाने को तैयार हैं! हम आपको बता दें कि यह अहमद मसूद वही सायमत मसूद के बेटे हैं जिन्होंने सर्विस 1995- 1996 में काबुल को तालिबान निखिल लिया था तब उन्होंने कट्टर इस्लामी धर्म को ठुकरा कर! उनके विरुद्ध अपनी आवाज बुलंद की!

अफगानिस्तानी सैनिकों तालिबान ( Taliban ) के सामना करने को तैयार!

अब दरअसल ऐसा माना जा रहा है कि अफगानिस्तान की कई सैनिकों ने तालिबान के सामने सरेंडर कर उन से हाथ मिला लिया हूं ऐसे मेंजो सैनिक तालिबान के खिलाफ लड़ना भी चाहते हैं पर उन्हें मजबूर होकर पीछे हटना पड़ रहा है! यही वजह है कि उन सैनिकों में बहुत नाराजगी है यही कारण उन्होंने पंजशीर के अहमद शाह मोसाद से हाथ मिलाकर तालिबान से लड़ने को तैयार हो गए हैं! और अपने देश को छुड़ाने को तैयार है!

अमरूला शालिन

अहमद मसूद के साथ खुद को अफगानिस्तान के कार्यवाहक राष्ट्रपति घोषित करने वाले अमरूला शालिन भी तालिबान के खिलाफ मोर्चा पर खड़े हैं! वे लगातार तालिबान के खिलाफ योजना बना रहे हैं! और पूर्व सैनिक और सिपाहियों के साथ मिलकर वे तालिबान को मात देने की पूरी तैयारी कर रहे हैं! इसी के साथ खास बात यह है कि वे भी इस वक्त पंजशीर में ही रुके हुए हैं!

तालिबान को कौन देगा चुनौती ! Taliban

ऐसे में तालिबान को इस प्रांत से बड़ी चुनौती मिलने की संभावना है! जिसके कारण अमरूला शालिन अफगानीओं के लिए सबसे बड़े उम्मीद के रूप में उभरे हैं! क्योंकि उन्होंने विदेशी तालिबान के साथ नई लड़ाई की कसम खाई है!

पंजशीर की कहानी

आपको बताते चलें कि अफगानिस्तान के एक पंजशीर ही ऐसा जगह है! जहां कोई परिंदा भी पर नहीं मार सकता! और यहां आज तक किसी का कब्जा नहीं हुआ! आज तक तालिबान वहां पहुंच भी नहीं सका और ना ही कोई और कभी कब्जा कर पाया! इसी के साथ सोवियत संघ भी कितनी कोशिश करने के बावजूद भी कुछ नहीं कर पाया! पंचशील एक सबसे सुरक्षित जगह माना जाता है!

तालिबान के झूठे वादे.! Taliban

आपको बता दें कि तालिबान भले ही झूठे वादे कर रहे हैं! कि वह किसी को कोई चोट नहीं पहुंचाना चाहते हैं लेकिन तालिबानी आतंकियों के द्वारा अफगानिस्तान में अफरा-तफरी मचा हुआ है और और तो और सभी लोग डरे हुए हैं और वे खुलेआम फायरिंग कर रहे हैं तथा लोगों को नुकसान पहुंचा रहे हैं और उनके खिलाफ जो भी आवाज उठा रहा है उन्हें वह मार दे रहे हैं!

पंजशीर कौन है ! , जहां आज तक कोई कब्जा नहीं कर पाया!

पंजशीर वादी

पंजशीर वादी उत्तर-मध्य अफ़ग़ानिस्तान में स्थित एक घाटी है। जो कि राष्ट्रीय राजधानी काबुल से 150 किमी उत्तर में हिन्दु कुश पर्वतों के पास स्थित है। तथा यह वादी पंजशीर प्रान्त में आती है! इसी के साथ इसमें से प्रसिद्ध पंजशीर नदी गुज़रती है। यहाँ लगभग 1,40,000 लोग बसे हुए हैं! तथा इनके साथ अफ़ग़ानिस्तान का सबसे बड़ा ताजिक लोगों का समुदाय भी शामिल है!

पंजशीर का नाम कैसे पड़ा!

पंजशीर’ वास्तव में ‘पंज शेर’ यानी (पांच शेर) कहने का फ़ारसी मतलब है। तथा फ़ारसी में ‘शेर’ का मतलब ‘सिंह’ (बबर शेर) होता है! तथा इस वादी का नाम पाँच भाईयों के सम्मान में रखा गया है! जिन्होनें १०वीं शताब्दी ईसवी में महमूद ग़ज़नी ले लिए यहाँ एक दुर्गम नदी पर बाँध डाला था।

पंजशीर जो कि यहां मिलने वाले रत्नों के लिए प्रसिद्ध है!

यह वादी जो कि पुराने ज़माने से यहाँ मिलने वाले रत्नों के लिए प्रसिद्ध है! मध्यकाल में यहाँ से चांदी निकाला जाता था! जिससे सफ़ारी साम्राज्य और सामानी साम्राज्य अपने सिक्के इकट्ठा करते थे! आज भी इस क्षेत्र में पन्ना उत्पादन का बड़ा केंद्र बनने की सम्भावनाएँ हैं! तक सुरक्षा 85 यहाँ बहुत ही बेहतरीन कोटि के 190 कैरट (३० ग्राम) तक के पन्ना मिल चुके है!

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