एक गांव में एक छोटी सी लड़की रहती थी जिसका नाम Mira था उसके मा बाप नहीं थे वो अपनी नानी के पास रहती थी।,,वो अकेली ही थी ना उसका कोई भाई था न बहन उसकी नानी ने उसे पाल पोस कर बड़ा किया ।,अब शादी के लायक हो गई थी और उसकी नानी भी बहुत बूढ़ी हो गई थी।
Mira की नानी को हमेशा उसकी चिंता लगी रहती अगर उसकी शादी से पहले में मर गई तो मेरी मीरा का क्या होगा।एक दिन मीरा के लिए शादी का रिश्ता आया नानी को लड़का पसंद आया और नानी ने मीरा से पूछा तो उसने कहा अगर तुम्हे पसंद है तो मुझे भी पसंद है।
कुछ दिन बाद Mira की शादी हो गई मीरा अपने ससुराल चली गई मीरा के जाते ही नानी अकेले हो गई कुछ कर भी ना पाती थी और नानी चल बसी।अब मीरा के मायके में कोई नहीं था उसके ससुराल में सब लोग ठीक थे लेकिन उसकी सास थोड़ी खड़ूस थी।,वो Mira को हमेशा खरी खोटी सुनाया करती ,मीरा कोई जवाब न देती चुपचाप सब सहती ।इसी तरह चलता रहा और राखी का दिन आया सास ने कहा चलो घर को लीपने के लिए मिट्टी लेने दोनों सास बहू टोकरी और खुर्पी लेकर गई ,दोनों मिट्टी कुरेद रहे थे सास जहा से मिट्टी कुरेद रही थी वहीं पर एक सांप आ गया सास उसे मारने ही वाली थी।
Mira ने देख लिया और अपनी सास का हाथ पकड़ लिया और सांप को जाने दिया सास ने झट से हाथ छुड़ाया और मीरा पर चिल्लाने लगी तूने साप को मारने क्यों नही दिया अगर वो बच गया तो काट लेगा।,
Mira बोली किसी निर्दोष को मारना पाप होता है अगल बगल और भी लोग थे इसलिए सास ने बहू को कुछ कहा नहीं। मीरा जब जा रही थी वो साप एक पेड़ के नीचे बैठा हुआ था, मीरा उसके पास गई और बोली तुम्हें भुक लगी होगी तुम यहीं पर रहना में तुम्हारे लिए कुछ खाने को लाती हूं। Mira घर आई तो सास ने उसे बहुत सा काम करने को दिया ,उसमे मीरा साप के लिए खाना ले जाना भूल गई। अगले दिन सुबह उसे याद आया कि वो साप को खाना खिलाने वाली थी। Mira ने दूध से भरी कटोरी लेकर उस पेड के पास गई तो देखा साप अबतक वहीं बैठा हुआ था। Mira बोली मुझे माफ कर दो भाई में भूल गई थी, साप बोला तुमने मुझसे झुट बोला में तुम्हें ड्स लेता किंतु तुमने मुझे भाई कहा इसलिए में तुम्हें माफ करता हूं।,,
तुम मुझे जब भी याद करोगी में आ जाऊंगा,राखी का दिन था सब अपने अपने मायके जा रहे थे सास मीरा को ताने मारने लगी इसका तो कोई है ही नहीं तो ये कहा जाएगी मीरा फूट फूट कर रोने लगी,साप ने मीरा को रोते देखा और उसका भाई बनकर उसके ससुराल आया ,सबसे कहा में मीरा का भाई हूं उसे लेजाने आया हूं सास ने कहा कल तक तो उसका कोई नहीं था आज भाई कहा से आगया साप भाई ने कहा में दूर के रिश्ते में आता हूं ।सास ससुर ने बहू को विदा किया साप भाई ने मीरा को लेकर नाग लोक गया ,अपनी मां को मीरा के बारे में बताया नाग रानी ने भी मीरा को गले से लगाया और कुछ दिनों के लिए तुम यहां रह सकती हो,मीरा ने नाग लोक में छोटे छोटे साप के बच्चे देखे जो नाग रानी के घंटी बजाने पर दूध पीने आते थे। मीरा ने कहा माॅं आज में इन सापो को दूध पिलाने के लिए घंटी बजा कर बुलाऊंगी, दूध अभी गरम था मीरा जल्द बाजी में घंटी बजा दी साप के बच्चे दूध पीने के लिए आ गए उन सब का मुंह जल गया सब रोने लगे,मीरा ने अपनी गलती के लिए नाग रानी से माफी मांगी ।नाग रानी ने माफ किया अब मीरा अपने ससुराल वापस जाने के लिए तैयारी हो रही थी,नाग रानी ने बहुत सा सोना चांदी के सिक्के और गहने दिए साप भाई मीरा को ससुराल छोड़ कर वापस गया।,,
मीरा का एक हार बहुत सुंदर था उस हार की चर्चा पूरे गांव में हो रही थी उस नगर की रानी ने सुना और राजा से उस हार को लाने की ज़िद की राजा ने सिपाही भेजे और हार लाने के लिए कहा,सिपाही मीरा के ससुर को राजा का आदेश सुनाया ससुर ने डर के मारे मीरा का हार दे दिया ये देख मीरा बहुत रोने लगी। साप भाई मीरा को रोते देख उससे रहा न गया उधर रानी हार को देख बहुत खुश हुई जैसे ही रानी ने हार गले में डाला वो साप बन गई ,राजा ने मीरा और उसके ससुर को बुलाया। राजा ने मीरा से पूछा ये कैसा हार है तुमने क्या जादू किया है।,,मीरा ने कहा ये हार मेरे सिवा कोई नहीं पहन सकता मुझे मेरे साप भाई ने दिया है,उसी समय साप भाई वहा प्रकट हो गया। अपने और मीरा के बारे में सबको बताया सभी ने साप को और मीरा को प्रणाम किया ,इसी तरह एक बहन का साप बना भाई ।,,🙂🙂🙂