कैल्सियम की कमी को दूर कैसे करें।
हड्डियों में कमजोरी
कैल्सियम हड्डियों को बनाने में मदद करता है। और इसकी कमी होने पर इसका पहला लक्षण हड्डियों पर दिखाई देता है। कैल्सियम की कमी से हड्डियां कमजोर हो जाती है और फ्रैक्चर होने की संभावना बढ़ जाती है। कैल्सियम की कमी से उम्र के साथ आस्टियोपेरोसिस होने का खतरा बढ़ जाता है।
दांतो का कमजोर होना
शरीर में मौजूद 99 प्रतिशत कैल्सियम हड्डियों और कैल्शियम की कमी से दांतों में दर्द और झनझनाहट होने लगती है। और दांत कमजोर हो कर टूटने लगते हैं। छोटे बच्चों में कैल्शियम की कमी से दांत देरी से निकलते हैं।
नाखूनों का कमजोर होना
आपके नाखून भी एक तरह की हड्डियां ही होती है। इन्हें भी बढ़ने और मजबूत होने के लिए कैल्सियम की जरूरत होती है। कैल्सियम की कमी से नाखून कमजोर होने लगते हैं और आसानी से टूट जातें हैं। शरीर में कैल्शियम की कमी की वजह से नाखून पर सफेद निशान दिखाई देने लगते हैं।
मांसपेशियों में खिंचाव
मसल्स के निर्माण में कैल्शियम की अहम भूमिका होती है। शरीर में कैल्शियम की कमी होने पर इसका सीधा असर मांसपेशियों पर पड़ता है और उनमें खिंचाव होने लगता है। इसकी कमी से खासतौर पर जांघों और पिंडलियों पर असहनीय दर्द होता है।
शारिरीक थकान
कैल्सियम की कमी से हड्डियों और मांसपेशियों में दर्द रहने की वजह से शरीर में थकान होने लगती है। इस वजह से नींद न आना, डर लगना और तनाव जैसी समस्या होने लगती है। महिलाओं में बच्चों के जन्म के बाद अक्सर कैल्सियम की कमी होने लगती है। और वे थकान महसूस करने लगती है।
मासिक धर्म में अनियमितता
महीलाओं में कैल्शियम की कमी की वजह से मासिक धर्म देरी और अनियमित तौर पर होता है। मासिक धर्म से पहले कैल्सियम की कमी की वजह से शरीर में और अधिक दर्द होता है और खून भी ज्यादा आता है। कैल्सियम महिलाओं के गर्भाशय और ओवेरियन हार्मोन्स के विकास में मदद करता है।
जल्दी जल्दी बीमार पडना
कैल्शियम रोग प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके अलावा ये श्वसन तंत्र को ठीक रखता है। और आंतो के संक्रमण को रोकता है। कैल्सियम की कमी होने से शरीर जल्दी जल्दी बीमार पड़ने लगता है।
बालो का झड़ना
बालों के विकास में कैल्शियम बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कैल्सियम की कमी से बाल झड़ने लगते हैं और रुखे हो जातें हैं। अगर आप को ऐसी समस्या है तो ये कैल्सियम की कमी का संकेत है
बढती उम्र के साथ व्यक्ति डाइजेशन कमजोर होने लगता है आमतौर पर 30 की उम्र पार करने के बाद बौंडी आसानी से डाइट में शामिल कैल्शियम को पूरी तरह से अब्जौर्ब नहीं कर पाती है। ऐसे में शरीर में कैल्शियम की कमी होने का खतरा एक आम बात है। अनहेल्दी डाइट होने के कारण भी शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाती है।
एक स्वस्थ्य मनुष्य को दिन भर में 1000 से 1200 मिली ग्राम कैल्सियम की आवश्यकता होती है। वहीं गर्भवती महिलाओं को पूरे दिन भर में 1200 से 1300 मिली ग्राम कैल्सियम की आवश्यकता होती है। आजकल न सिर्फ बुड्ढों में बल्कि जवानों और बच्चों में भी कैल्सियम की कमी काफी देखी जा रही है।
जीरा का पानी
रात भर 2 ग्लास में जीरा भिगो के रखें। सुबह उस पानी को उबालें जब पानी आधा रह जाए तो उसे छानकर पीये। इससे कैल्सियम की कमी दूर हो जाएगी शरीर स्वस्थ्य रहेगा।
अदरक की चाय
डेढ कप पानी में एक इंच अदरक का टुकड़ा पीस कर डालें और उसे उबालें। जब पानी एक कप रह जाए तब उसे चाय की तरह पीयें। इससे कैल्सियम की कमी दूर हो जाएगी शरीर स्वस्थ्य रहेगा।