Rani Jadugarni का सर्वार्थ बुरे कर्मों का फल कभी अच्छा नहीं होता

बहुत साल पहले की बात है एक राजा और Rani थे। उन दोनो की शादी को कई साल बीत चुके थे फिर भी उनके कोई संतान नहीं थी।

इस वजह से रानी बहुत उदास रहती थी ।  राजा अपनी Rani से बहुत प्रेम करते थे और वो रानी को खुश देखने के लिए कुछ भी कर सकते थे।

एक दिन राजा के दरबार में एक जादूगरनी को बंदी बना कर लाया गया ,जादूगरनी पे आरोप था कि वो अपने काले जादू से सबको परेशान कर रही है हमारे बच्चो और जानवरो को नुकसान पहुंचा रही है।

राजा ने जादूगरनी को जेल भेजने का आदेश दिया तभी जादूगरनी ने रानी को देख कर कहा मेरे पास तेरी परेशानी का हल है । अगर इच्छा हो तो आज में तेरी मदद करूंगी ।

रानी अपने कमरे में बैठ कर उस जादूगरनी ने जो कहा उसके बारे में सोच रही थी ,राजा ने कहा क्या बात हे क्यों इतनी परेशान हो ।

रानी ने कहा में उस जादूगरनी से मिलना चाहती हूं वो हमारी मदद कर सकती है वो हमे वो दे सकती है जिसके लिए हम सालो से तड़पे है जिसके लिए हमने न जाने क्या नहीं किया।

राजा को जादूगरनी सही नहीं लगती थी क्योंकि वो काला जादू  किया करती थी अगर रानी उससे मिली तो वो रानी को कोई नुक्सान ना पहुंचाए यही सोच कर रानी को माना कर दिया और वहा से चले गए।

रानी बेसब्र थी और वो बस एक बार जादूगरनी से मिलना चाहती थी।  राजा के मना करने के बाद भी रानी नहीं मानी और वो एक दासी को लेके जादूगरनी से मिलने चली गई।

जादूगरनी ने कहा में जानती थी कि तुम जरूर आओगी रानी ने कहा क्या सचमे तुम मेरी परेशानी को हल कर सकती हो ,जादूगरनी बोली अगर शक हो तो आजमा के देख लो।

रानी ने कहा मेरी कोई संतान नहीं है तुम अपने जादू से मुझे मां बना दो तो में तुम्हे आजाद दूंगी। जादूगरनी ने अपने झोले में से राख निकाली और रानी के ऊपर फुका जितनी रख रानी के उपर उड़ी उतनी ही उसके पीछे खड़ी दासी पर भी उड़ी।

रानी और दासी दोनों को एक साथ बच्चा हुआ दोनों का चेहरा एक जैसा ही था बल्कि दोनों जुड़वा थे दोनों की हरकतें भी एक जैसी ही थी दोनों एक साथ हस्ते ,एक साथ रोते भले ही एकदुसरे से कितनी ही दूरी पर क्यों ना रहे । रानी के बेटे का नाम सुंदर था दासी के बेटे का नाम श्याम था ।

रानी खुश थी और राजा भी खुश थे रानी के कहने पर राजा ने जादूगरनी रिहा किया और कहा इस राज्य को छोड़ कर चली जाओ फिर कभी वापस मत आना ।

रानी को अब जादूगरनी की जरूरत नहीं थी क्योंकि इस बीच रानी भी कुछ जादू सीख चुकी थी।

रानी और दासी के बेटे थोडे बड़े हुए तो दोनों एकसाथ खेलते ,एकसाथ खाते,घूमते तो रानी को ये देख अच्छा नहीं लगता था उसका बेटा किसी नोकर के बेटे के साथ खेले  रानी बार बार मना करती पर उसका बेटा नहीं मानता फिर वो अगले दिन उसी के साथ खेलता ।

कई साल बीत गए दोनों लड़के जवान हो गए थे। रानी का बेटा जहां भी जाता दासी के बेटे को साथ ले जाता रानी को ये सब देख बहुत गुस्सा आता था ।

एक दिन दोनों ने अदला बदली करे की सोची श्याम ने सुंदर के कपड़े पहने और महल में सुंदर बनके घूमने लगा कोई उस पहचान नहीं पाया था लेकिन रानी ने पहचान लिया और उसे कोड़ों से पिटवाया ।

श्याम की इस हरकत की वजह से दासी और श्याम को राज्य से बाहर कर दिया और कभी ना लौट के आने का आदेश दिया।

सुंदर को जब पता चला तो श्याम के पीछे पीछे गया और कहा जहा तुम रहोगे में वहीं रहूंगा में भी तुम्हारे साथ ही जाऊंगा ।

श्याम ने कहा नहीं तुम यहीं पर रहोगे क्योंकि तुम इस राज्य के इकलौते होने वाले राजा हो अगर तुम  ही चले जाओगे तो इस राज्य को कौन देखेगा ।

ठीक है में नहीं जाऊंगा पर तुम मुझे कोई ऐसी चीज दो जिससे मुझे पता चले की तुम जहा भी हो सही सलामत हो।

श्याम ने सुंदर को एक पेड़ के पास ले गया उस पेड़ के नीचे से पानी बह रहा था ।

श्याम ने कहा जब तक इस पेड़ का पानी साफ दिखाई देगा समझ लेना में ठीक हूं और जिस दिन लाल दिखाई देगा समझना में खतरे में हूं ।

सुंदर रोज उस पेड़ के पास जाता और उस पानी को देखता पानी साफ दिखाई देता तो खुश होकर लौट आता।

Rani को ये बात खटकती थी जब सुंदर राजा बनेगा तो उस दासी के लड़के को वापस राज्य में आएगा।

रानी ने अपने जादू से श्याम का पता लगाया और उसे मारने चली गई। सुंदर फिर उस पेड़ के पास गया तो उसे लाल पानी दिखाई दिया ।

उस पता चल गया कि श्याम किसी मुसीबत में है । सुंदर अपने घोड़े पर सवार होकर श्याम को ढूंढने चला गया ।

सुंदर जब जंगल के रास्ते से जा रहा था तो उसे किसी के चीखने की आवाज सुनाई दी ।

वो समझ गया की वो श्याम है बहुत अंधेरा था और सुंदर ने भला लिए था और जैसे ही श्याम की और कुछ बढ़ा सुंदर ने अपना भला फ़ेख कर उसकी जान लेली ।

और उस जीव के मरते ही सुबह हो गई वो जीव और कोई नहीं था बल्कि Rani थी जिसने जादू से अपने आप को एक भयंकर जानवर का रूप दिया था। रानी की इस हरकत से राजा बहुत दुखी थे और दोनों लडको को राजा बना कर चल बसे।

अब श्याम और सुंदर दोनों ही उस राज्य के राजा बने और अपने राज्य को पूरी लगन से चलते थे और ऐसी ही लड़की से शादी की जो जुड़वा थी ।

Rani ko uske bure karmo ki saja mile

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