अगर हम यह मान ले कि China के साथ इसी वक्त युद्ध हो जाए। तो हमारा सबसे पुराना दोस्त रूस किस का साथ देगा।
सूत्रों के अनुसार यह सुनने में आया है कि रूस China को सपोर्ट करेगा और भारत का साथ नहीं देगा और भारत को धोखा दे सकता है।
आपने देखा होगा कि अमेरिका हर एक मुद्दे पर भारत का साथ दे रहा है। चाहे वह मुद्दा पाकिस्तान का हो या China का और इसी के साथ जापान और इजराइल सब भारत को सपोर्ट दे रहे हैं। और यहां पर रूस ने चुप्पी बना कर रखी है।
आज के समय में भारत का जो सच्चा दोस्त है वो रूस का जानी दुश्मन है। हम सब जानते हैं कि अमेरिका इंडिया का सबसे अच्छा दोस्त है और वही रूस का अमेरिका से नहीं बनता है।
सोवियस संघ 1991 में टूटा था उस समय सोवियत संघ से रूस एक देश बना था। और उस समय रूस ने सौगंध खाई थी। कि अमेरिका को पूरी दुनिया से पीछे करना है और अमेरिका की सुपर पावर को खत्म करना है
भारत का सच्चा मित्र इसराइल है। वहीं इसराइल भी रूस का सबसे बड़ा दुश्मन है। आप सोचेंगे यह कैसे हो सकता है।
इजरायल और रूस की दुश्मनी सैकड़ों साल पुरानी है। क्योंकि यहूदियों पर रूस में बहुत अत्याचार हुआ था। तभी से इसराइल वासी खासकर यहूदी रूस से नफरत करते हैं और उसको अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानते हैं।
आज से 100 साल पहले जापान और रूस में बहुत बड़ी लड़ाई हुई थी। उस समय रूस ने जापान को एक छोटा देश समझ कर बड़ी गलती कर दी।
इस भ्रम को तोड़ते हुए जापान ने रूस को जबरदस्त तरीके से हराया था। तब से जापान का नाम सबके सामने आया था।
उस बात का बदला लेने के लिए रूस आज भी जापान से युद्ध करना चाहता है। तभी से जापान और रूस के रिश्ते इस तरह खराब है की वो एक दूसरे का मुंह तक देखना पसंद नहीं करते।
अभी इंडिया के तीन अच्छे दोस्त जो है। जापान, इजरायल, अमेरिका, यह सभी तो रूस के दुश्मन है।
फिर क्या लगता है रूस किस का साथ देगा। भारत का या फिर चीन का।
1669 में रूस और चीन के बीच युद्ध में हो चुका है। उसके बावजूद भी वह चीन का साथ क्यों दे रहा है। इस युद्ध में रूस ने चीन को हराया था।
रूस जानता है कि बिना सपोर्ट के वे अमेरिका से नहीं लड़ सकते और चीन उसका दुश्मन है और जानता है कि इससे अच्छा मित्र और कोई हो ही नहीं सकता।
एक मुख्य कारण है रूस चीन को सपोर्ट करेगा। भारत और चीन के युद्ध में रूस चुप रहेगा। उससे रूस की कुछ मजबूरियां भी है। पहला यह है कि आज के समय में रूस भारत का दोस्त है।
दूसरी मजबूरी है कि इंडिया के आज भी 80 से 85% हथियार रूस के ही है अगर लड़ाई होती है तो इससे रूस की इज्जत में कुछ तो कमी आएगी ही।
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