Truth of life ‘न कोई मरता है और न ही कोई मारता है, सभी निमित्त मात्र हैं…सभी प्राणी जन्म से पहले बिना शरीर के थे, मरने के उपरांत वे बिना शरीर वाले हो जाएँगे। यह तो बीच में ही शरीर वाले देखे जाते हैं, फिर इनका शोक क्यों करते हो।’- श्री कृष्ण
Truth of life श्रीमद् भगवद्गीता सनातन धर्म का एक बहुत ही पवित्र ग्रन्थ है| महाभारत का वह भाग, जब भगवान श्री कृष्ण ने अपने उलझे हुए मित्र अर्जुन को महाभारत के युद्ध में सलाह दी थी|
उस समय भगवान श्री कृष्णा ने जीवन के रहस्य Truth of life अपने कथनों के माध्यम से अर्जुन को समझाए थे, वे कथन आज भी हर व्यक्ति के जीवन में उतने ही महत्वपूर्ण और सही दिशा दिखाने वाले है, जितने की महाभारत के समय अर्जुन के लिए थे !
अगर आप कभी भी अपनी ज़िन्दगी के किसी भी मोड़ में दोराहे पे हो, तब आपकी हर एक परेशानी का जवाब भगवत गीता में मिल सकता है| महात्मा गाँधी एवं उनके जैसे विश्व के कई महापुरुषों के लिए भगवद्गीता उनका जीवन दर्शन रही है|
जो हुआ, अच्छे के लिए ही हुआ| जो हो रहा है, वह भी अच्छे के लिए ही हो रहा है, जो होगा वो भी अच्छे के लिए ही होगा
आप जिस भी वजह से निराश है, उसे भूल जाये| वर्तमान में अगर कुछ आपको बहुत ही दुःख दे रहा है, उसके पीछे निश्चित ही बहुत अच्छा कारण छुपा हुआ है| ये एक चक्र है, Truth of life जो आपको स्वीकारना ही होगा| इसलिए न भविष्य और न ही पिछले बीते हुए समय के बारे सोचिये| आपके पास वर्तमान है, उसे खुश होकर आनंद के साथ जिए!
परिवर्तन ही संसार का नियम है।
एक पल में ही आप राजा बन सकते है या फ़कीर| पृथ्वी भी स्थिर नहीं है यह भी घूमती रहती है! – दिन खत्म होने के बाद रात आती है, बहुत गर्मी के बाद एक सुखद मानसून आता है! ये बाते इस कथन की पुष्टि करती है कि परिवर्तनशीलता संसार का नियम है! इसलिए उन बातों और वस्तुओं के लिए दुखी होने की आवश्यकता नहीं है,! जो निश्चित नहीं है! परिवर्तन स्वीकार करना, आपको हर कठिन परिस्थिति में खुश रहने की शक्ति देता है!
आप खाली हाथ आये थे और खाली हाथ ही जाओगे।
आज हम में से ज्यादातर लोगों की जिंदगी एक गेम की तरह हो गयी है, जिसमें एक लड़का भागता रहता और पैसे इकट्टा करता रहता है! लेकिन उस लड़के को यह नहीं पता होता कि वह कहाँ जा रहा, क्यों जा रहा है और उसे कहाँ जाना हैं! वह अधिक से अधिक पैसे इकट्टे करने की कोशिश करता है! ताकि और अधिक तेजी से भाग सके! और जीवन में आज कल ज्यादतर लोग यही कर रहे है! उनको पता ही नहीं क्यों कहा कैसे क्या कर रहे है!