World’s most dangerous country in 2020 – नीचे दुनिया के 10 सबसे खतरनाक देशों की लिस्ट।
हालाँकि भारत, चीन और पाकिस्तान शीर्ष -10 में नही आता है, लेकिन आप यह जानकर हैरान होंगे कि तीनों देश कहाँ रैंक करते हैं
World’s फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस (Institute for Economics and Peace) एक ग्लोबल पीस इंडेक्स रिपोर्ट जारी करता है जो बताता है
जो उग्रवादी,नक्सल राजनीतिक आतंक, मौतें, आंतरिक संघर्ष से मौतें, दंगा, सामुदायिक कातरता, हत्या की दर आदि 23 विभिन्न संकेतकों के आधार पर एक राष्ट्र कितना खतरनाक या सुरक्षित है
यह 163 देशों का मूल्यांकन करता है, तीन अलग-अलग क्षेत्रों में दुनिया की 99 प्रतिशत आबादी को रखा गया है “सुरक्षा और सिक्यूरिटी” (Safety and security), “चल रहे संघर्ष” (ongoing conflict) और “सैन्यीकरण” (militarization)।
हम आपको दुनिया के 10 सबसे खतरनाक देशों की बारे में निचे विस्तृत रूप में बताने जा रहे है।
हालाँकि भारत, चीन और पाकिस्तान शीर्ष -10 ख़राब देशो में नहीं आते हैं, लेकिन आप यह जानकर हैरान ज़रूर होंगे कि तीनों देश कहाँ रैंक करते हैं।
नंबर 10 | देश: रूस(Russia )|
हथियारों के निर्यात के कारन रूस खतरनाक देशो के सूचि में नंबर 10 पर आता है साथ ही रूस का उच्च सैन्यीकरण इस सूची में अपनी स्थिति में योगदान देता है।
नंबर 9 | देश: कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (Democratic Republic of the Congo)|
DRC देश भर में कई विरोधों होते रहते है जो अक्सर हिंसक हो जाते हैं। सशस्त्र गृह आक्रमण, डकैती तो आम बात है
आपराधिक कृत्यों के साथ अपराध दर काफी अधिक है। इसके अलावा, अपराध को प्रभावी ढंग से जवाब देने के लिए पुलिस के पास संसाधनों की कमी है।
नंबर 8 | देश: लीबिया (Libya)|
उत्तरी अफ्रीकी देश ने अपराध, नागरिक अशांति, अपहरण, सशस्त्र संघर्ष और आतंकवाद का सामना किया है। लीबिया में हिंसा ज्यादातर मिलिशिया (militia) के कारण होती है जो एक दूसरे के साथ टकराव होती रहती हैं।
नंबर 7 | देश: मध्य अफ्रीकी गणराज्य (Central African Republic)|
2017 में हस्ताक्षर किए गए शांति समझौते के बावजूद अफ्रीकी राष्ट्र में अराजकता है।
सेलेका विद्रोहियों और एंटी-बालाका मिलिशिया(militia) के बीच संघर्ष जारी है। संघर्ष ने 620,000 लोगों को आंतरिक रूप से विस्थापित किया और पड़ोसी देशों में 570,000 शरणार्थियों को होने पर मजबूर हो गए।
नंबर 6 | देश: सोमालिया(Somalia)|
पुलिस बलों की अनुपस्थिति, सूखे और भोजन की कमी ने देश में पहले से ही इस्जथिति को जटिल बना दिया है।
इसमें अपहरण के जोखिम अधिक हैं और हवाई अड्डों, सरकारी इमारतों, होटलों और रेस्तरां पर आतंकी हमले आम हैं। विदेशी, सरकारी अधिकारी, और संयुक्त राष्ट्र के कार्यकर्ता ज्यादातर आतंकवादियों द्वारा टारगेट किये जाते हैं।
नंबर 5 | देश: इराक(Iraq)|
देश में आतंकी हमलों आम बात है, ISIS आतंकी संगठन वाह के नागरिकों और सशस्त्र बलों के सदस्यों को पकड़ कर गोली या घरदार हथियार से गला काट कर हत्या कर देंते है
नंबर 4 | देश: यमन(Yemen)|
2015 में शुरू हुआ यमन में गृह युद्ध हमेशा होता रहता है, संयुक्त राष्ट्र के अनुसार देश दुनिया के सबसे खराब मानवीय संकट का सामना कर रहा है।
संघर्ष के परिणामस्वरूप 4.3 मिलियन लोग बेघर हो गए हैं और 14 मिलियन लोग भुखमरी और जानलेवा बीमारियों के शिकार हो गए।
नंबर 3 | देश: दक्षिण सूडान(South Sudan)|
नागरिक अशांति, चल रहे राजनीतिक संघर्ष और व्यापक अपराध – जिसमें डकैती, हमले, कारजैकिंग और अपहरण शामिल हैं
देश को दुनिया के खतरनाक देशो में तीसरे स्थान पर ला दिया है। सशस्त्र संघर्ष देश की राजधानी जुबा के बाहर कानून और व्यवस्था का कोई नियम नहीं है
नंबर 2 | देश: सीरिया(Syria)|
मध्य पूर्वी देश, जिसने पिछले साल तक शीर्ष स्थान हासिल किया था, मार्च 2011 से एक गृह युद्ध से त्रस्त है।
इस संघर्ष को 21 वीं सदी के दूसरे सबसे घातक युद्ध के रूप में कहा गया है, जहां अनुमानित 470,000 लोग मारे गए हैं, जिनमें 55,000 बच्चे शामिल हैं।
नंबर1 | देश: अफगानिस्तान(Afghanistan) |
2019 ग्लोबल पीस इंडेक्स के अनुसार, अफगानिस्तान World’s का सबसे खतरनाक देश है
तालिबान के घातक हमलों ने अफगानिस्तान को तबाह कर दिया है,अफगानिस्तान में किसी भी अन्य देश की तुलना में युद्ध और आतंकवाद से सबसे अधिक मौतें होती हैं
अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशन के अनुसार, देश ने संघर्ष में 3,804 नागरिक नागरिको को खो दिया है, जिनमें से 927 बच्चे थे।
नंबर 11 | देश: पाकिस्तान (Pakistan)|
आतंकी हमलों, अपराध दर और अस्थिर शासन के कारण पाकिस्तान को 11 वें स्थान पर पहुंचा दिया है।
नंबर 23 | देश: भारत (India)|
महिलाओं के खिलाफ अपराध, धार्मिक कलह ,भ्रष्टाचार और दंगों ने इस सूची में भारत को 23 वें स्थान पर रखा है।
नंबर 54 | देश: चीन(China)|
एशियाई देश 54 वें स्थान पर है क्योंकि चीन ने कई अवैध गतिविधियों, विशेषकर हथियारों से जुड़े लोगों पर शिकंजा कस चुका है।