ओड़नथूरई एक ऐसा Village जो अपने आत्मनिर्भरता के लिए लोकप्रिय है!
कोयंबतूर से 40 किलोमीटर दूर एक गांव ओड़नथोराई पंचायत के आत्मनिर्भर बनने की कहानी अनोखी है!
यहां के 11 गांव में हर एक घर पक्का है और छत पर सभी के सोलर पैनल भी लगे हैं!
वहां की हर सड़क कॉक्रीट से भरी है और हर 100 मीटर की दूरी पर पानी की व्यवस्था है, और हर घर में शौचालय भी है!
ओडनथूरई ग्राम पंचायत ना सिर्फ अपनी जरूरत कि बिजली खुद बनाती है
बल्कि तमिलनाडु की इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड TNED को भी भेजती है, इससे सालाना 19 लाख की कमाई भी होती है!
ऐसा करने वाली यह देश की एकमात्र पंचायत है, और सभी घरों में बिजली मुफ्त है! इन्हीं खूबियों के कारण विश्व बैंक के विशेषज्ञ देशभर के सरकारी अफसर और तिरालिस देशों छात्र इस Village को देखने आ चुके हैं!
बदलाव की यह कहानी 23 साल पहले शुरू हुई थी तब छोटे-छोटे झोपड़िया थी, गरीबी और असुविधाओं की मार झेल रहा था यह गांव!
1996 में ग्राम प्रमुख रहे आर षणमुगम इस बदलाव के परम नेता बने!
उन्होंने बताया उस समय हर महीने पंचायत का बिजली बिल ₹ 2000 आता था और अगले 1 साल में गांव में कुएं बनवाएं हर सड़कों पर भी स्ट्रीट लाइट लगवाई तो यह बिल ₹50000 पहुंच गया जिसे Village में चिंता बढ़ा दी !
इसी बीच पता चला की बायोगैस प्लांट से बिजली बनाई जा सकती है, तब बरोड़ा जाकर उसकी ट्रेनिंग ली!
2003 में पहला गैस प्लांट लगवाया जिससे बिजली बिल आधा रहा और 2 गांव में सौर ऊर्जा से चलने वाली स्ट्रीट लाइट लगवाई!
फिर 2006 में षणमुगम को पवन चक्की लगाने का आईडिया आया।
लेकिन पंचायत के पास सिर्फ 40 लाख रुपए का रिजर्व फंड था जबकि पवन चक्की टरबाइन 1.55 करोड़ रुपए की थी!
षणमुगम नए पंचायत के नाम पर बैंक से लोन लेकर गांव से 10 किलोमीटर दूर साडे 300 किलोवाट की पवन चक्की लगवाई!
जिससे बिजली के मामले में गांव आत्मनिर्भर हो गया लेकिन पंचायत के बस Village अब भी राज्य के बिजली बोर्ड पर निर्भर था!
तब षणमुगम ने एकीग्रथ सौर और पवन ऊर्जा अपनाएं जिसस हर घर की छत पर सोलर पैनल लगवाए ,सोलर पैनल से दिन में बिजली मिलती है और पवन चक्की से रात में!
बैंक से लिया गया लोन पंचायत ने 7 साल में छुपा दिया अब सालाना 7 लाख यूनिट बिजली बन रही है!
बिजली की जरूरत सिर्फ 4:30 लाख की उम्मीद रखी है और बाकी बची बिजली TNED को डेड रुपए प्रति यूनिट बेच दी जाती है!
बिजली के मामले में आत्मनिर्भर होने से गांव की तरक्की के और भी रास्ते खुल गए हैं!
आज की डेट में पंचायत बिजली की बिक्री से 19 लाख रुपए सालाना इनकम आती है!
यह राशि 11 गांव के विकास में खर्च होती हैं राज्य सरकार सोलर पावर ग्रीनहाउसेस स्कीम के तहत 950 घर बनवाए गए हैं!
ढाई ढाई लाख की लागत से यह घर 300 वर्ग फिट की क्षेत्र में बने हैं!
अगर चाहे तो हर Village की हर पंचायत ऐसा कर अपने गांव में सुधार ला सकती है और हर मामले में आत्मनिर्भर बन सकती है और बना सकती है!
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