एक राज्य के राजा अपने बेटे की शादी के लिए एक सुंदर राजकुमारी और भविष्य की Rani तलाश कर रहे थे।
वहीं दूसरे राज्य में एक राजकुमारी की खूबसूरती बहुत मशहूर थी ।राजा को उस राजकुमारी के बारे में पता चला।
राजा ने कहा जिस राजकुमारी की खूबसूरती इतनी मशहूर हैं ।वो जरूर बहुत सुंदर होगी ।राजा ने मन बना लिया की उसी राजकुमारी कर साथ अपने बेटे की शादी करेंगे।
राजा दूसरे राज्य गए और उस राजकुमारी के महल पहुंचे। राजकुमारी के पिता से राजकुमारी का हाथ मांगा और अपने राजकुमार के बारे में बताया तो दूसरे राजा मना नहीं कर पाए।
वैसे भी राजा को अपनी बेटी कि शादी की चिंता सता रही थी कि राजकुमारी की शादी के लिए लायक राजकुमार मिलेगा भी के नहीं ।
क्योंकि राजकुमारी सभी कलाओ में निपुर्ण थी ,इसीलिए राजा को राजकुमारी जैसा ही निपुर्ण राजकुमार की तलाश थी ।
इसलिए राजा रिश्ते के लिए त्यार हो गए ,राजा अपने राज्य वापस लोट आय और अपने राज्य के सबसे विद्वान पंडितो को बुलाया और दोनों की कुंडली दिखाई गई।
एक पंडित ने कुंडली को देख थोड़ा चकित हुए और राजा से बोले दोनों की कुंडली में सारे गुण मिलते है ।
लेकिन राजकुमारी की खूबसूरती को किसी की नज़र लग जाएगी और रानी की मृत्यु हो जाएगी।
राजा सोच में पड़ गए और फिर उसका उपाय पूछा कि क्या कोई रास्ता नहीं है इस संकट को टालने का।
तो पंडित ने कहा इसका बस एक ही उपाय है राजकुमारी को कभी भी किसी के सामने न आने दिया जाये तो शायद ये संकट टाल सकता है।
कुछ दिन बाद दोनों की शादी हो गई और राजा ने ये ऐलान किया की कोई भी दास या दासी हमारी कुलवधु के कमरे में नहीं जाएगा ।
इसी तरह चलता रहा और सभी राजा का आदेश का पालन कर रहे थे।राजा ने अब अपने बेटे को राजगद्दी दे दी अब राजकुमार राजा बन चूके थे ।
और बहुत ही अच्छे राजा साबित हुए ,बहुत ही दयालु और अपनी प्रजा के लिए समर्पित रहने वाले राजा थे।
और अपनी Rani का भी बहुत ख्याल रखते थे ।जितने अच्छे राजा रहे उतने ही अच्छे पति भी थे ।
Rani की खूबसूरती के बारे में राज्य ने बहुत चर्चा हो रही थी। की काश एक बार रानी को देख पाते ।
दास दासी आपस में बात कर रहे थे । राजा का खास नोकर रामू ने तो जरूर देखा होगा।
रामू हमेशा राजा के साथ रहता ,राजा जहा जाते उसको अपने साथ ले जाते। रामू भी पूरी ईमानदारी से राजा की सेवा करता राजा जो कहते वो उसके लिए पत्थर की लकीर होती ।
एक दिन सारा काम करने के बाद रामू अपने घर वापस जा रहा था। तो गांव के कुछ लोग आपस में बात कर रहे थे कि उन लोगो की नज़र रामू पे पड़ी ।
रामू को अपने पास बुलाया और बैठाया और Rani के बारे में पूछने लगे की रामू तू तो राजा का खास नौकर है। तूने तो रानी को जरूर देखा होगा।
रामू को इतनी एहमियत दे रहे थे और उससे इतने प्यार से बात कर रहे थे। कि रामू को अच्छा लग रहा था तो उसने अपनी शान दिखने के लिए झूट बोलने लगा कि। मैने रानी को देखा है ।
Rani इतनी खूबसूरत है जैसे इंद्रलोक से अप्सरा उतार आई हो । अब रामू रोज झूट बोलने लगा ताकि लोग उसकी इज्जत करे।
एक दिन रामू ने मन बना लिया की Rani को देखकर रहेगा।राजा दूसरे नगर किसी काम से जाने वाले थे और रामू को भी अपने साथ ले जाने वाले थे।
जिस दिन राजा जाने की तैयारी कर रहे थे उस दिन रामू काम पर आया ही नहीं । और किसी से खबर भिजवा दी कि रामू बहुत बीमार है। वो आज काम पर नहीं आएगा।
राजा ने कहा ठीक है रामू से कहना कि वो आराम करे। हम अभी उससे नहीं मिल सकते हमें देर हो रही है जब हम वापस आएंगे तो रामू से मिलने उसके घर जाएंगे।
राजा दूसरे नगर चले गए Rani जिस महल में रहती थी उस महल में और कोई भी नहीं रहता था। और चारो तरफ से बहुत कड़ा पेहरा था ।
लेकिन रामू उस महल के हर रास्ते और पहरे को जनता था। इसलिए सिपाहियो से बचकर वो महल में घुस गया। और Rani के कमरे की तरफ जाने लगा ,लेकिन रानी के कमरे का दरवाजा खोल नहीं पाया। उसने लाख कोशिश की लेकिन दरवाजा नहीं खुला।
उसे इतनी बेचैनी हो रही थी कि वो इतने नज़दीक होकर भी Rani को नहीं देख पाया।
रामू नाकाम हो कर लोट आया। वो रात दिन इसी के बारे में सोचता रहता। और किसी काम में भी मन नहीं लगता।
एक दिन राजा के साथ किसी काम से रामू महल में गाया और राजा जिस चाबी से रानी के कमरे का दरवाजा खोलते थे रामू के हाथ वो चाबी लग गई।
राजा एक दिन अपने मां बाप से मिलने गए रामू फिर किसी बहाने से राजा के साथ नहीं गया।
रामू फिर महल में गाया और इस बार Rani के कमरे का दवाज़ा खोल दिया उस वक़्त रानी सो रही थी।
रामू ने पहली बार Rani को देखा वो इतनी खूबसूरत थी कि रामू को विश्वास नहीं हो रहा था कि वो सच देख रहा है या सपना ।
रामू बस रानी को देखते ही जा रहा था। रानी ने करवट ली रामू को लगा कि रानी जग गई तो मुसीबत हो जाएगी।
रामू के आंखो के सामने से Rani का खूबसूरत चेहरा हट ही नहीं रहा था।
रामू रात दिन बस रानी के बारे में सोचता। अब उसकी चाह और बड़ गई अब वो रानी को अपना बनाने के सपने देखने लगा।
अब वो इसी कोशिश में लगा रहता की कैसे वो Rani को अपना बनाएगा ।
राजा को हमेशा किसी ना किसी काम से बाहर जाना पड़ता था । और रानी हमेशा अपने महल में अकेली रहती।
रानी कई बार राजा से बाहर ले जाने के लिए बोलती पर राजा उसको हमेशा मना कर देते। Rani इस वजह से बहुत दुखी भी रहती और अकेले उसका मन भी नहीं लगता ।
एक दिन रानी ने राजा से कहा मैं अपने मायके जाना चाहती हूं ।मुझे जाने की आज्ञा दे दीजिए मन नहीं लग रहा है ।
राजा ने माना कर दिया तो Rani बहुत गुस्सा हो गई और पूछने लगी कि क्यू मुझे इस महल में बन्द रखा जाता है।
में किसी से मिल नहीं सकती किसी से बात नहीं कर सकती कोई मेरे पास आ नहीं सकता आखिर क्यूं।
मुझे किस बात की सजा दी जा रही है, में जब से आई हूं मुझे इस महल में बन्द करके एक कैदी की तरह रखा गया है।
इस पर राजा बोले क्योंकि हम आपसे बहुत प्रेम करते है और आपको किसी भी हाल में खो नहीं सकते। जब हमारी शादी कि बात चल रही थी तभी एक विद्वान पंडित ने बताया कि हम दोनों का साथ हमेशा बना रहे इसके लिए आपको दुनिया की नजरो से दूर रखना पड़ेगा ताकि आपको किसी की नजर ना लगे।
आपकी खूबसूरती आपकी जान की दुश्मन है । ये बात हमारे पिता जानते थे इसलिए आपके आने के बाद उन्होंने ये नियम बनाए ।की आपको ना कोई देखेगा और ना नज़र लगेगी और ना आपकी जन को खतरा होगा।
Rani ने राजा से माफी मांगी और कहा अब मैं आपसे कभी कोई सवाल नही करूंगी । और ना किसी से मिलने की इच्छा करूंगी मेरे लिए आपसे बढ़कर कुछ भी नहीं है।
जब राजा Rani ये सारी बातें कर रहे थे तो रामू छुपकर उनकी सारी बाते सुन रहा था। पर उसकी आंखो पे तो रानी की खूबसूरती की पट्टी बंधी थी ।
उसे बस रानी को पाने के बारे में ही सोचता रहता। सोचते सोचते वो एक गुफा में चला गया तो वह उसे एक तांत्रिक दिखा जो तंत्र मंत्र कर रहा था।
रामू ने सोचा कि किसी के काम में बाधा नहीं डालनी चाहिए में चुप चाप यहां से निकाल जाता हूं। जैसे ही वो मुड़ा उस तांत्रिक ने कहा तू सही जगह पर आया है ।
रामू रुका और बोला क्या मतलब ,तांत्रिक बोला तू जो पना चाहता है वो में तुझे दिला सकता हूं।
तुम कैसे जानते हो कि में क्या चाहता हूं। में सब जानता हूं मेरे सिवा तेरी मदद कोई नहीं कर सकता इसी लिए ज्यादा सवाल मत कर जैसा में कहता हूं वैसा कर।
रामू ने कहा बदले में तुम्हे भी तो कुछ चाहिए होगा। हा मुझे तेरी मदद करने से पुन्य मिलेगा जिससे मेरी सिद्धि पूरी हो जाएगी ।तांत्रिक के मन में कुछ और था वो एक बली ढूंढ़ रहा था इसलिए उसने रामू का इस्तेमाल किया।
रामू तांत्रिक की बात मान गया तो तांत्रिक ने उसे एक कागज़ में विभूति दी और कहा ये किसी तरह रानी के खाने में मिला देना वो कुछ समय के लिए तेरे वश में हो जाएगी जो तू बोलेगा वो वैसा ही करेगी।
रामू ने किसी तरह रानी के खाने में को विभूति मिलाई और दासी खाना लेके रानी के दरवाजे के पास रख दरवाजा के पास एक घंटी थी उस बजाय और चली गई ।
रानी ने दरवाजा खोला और खाना लेके दरवाजा बन्द कर दिया । रामू छुपकर देख रहा था रानी ने खाना खाया और सोने चली गई ।राजा कुछ काम से सोच में डूबे हुए थे रानी को लगा कि वो सो चुके है।
रामू ने दूर जंगल के पास जाकर रानी को पुकारने लगा रानी नींद की हालत में ही उठ खड़ी हुई चलने लगी रानी जैसे ही दरवाजे के पास गई राजा की नजर पड़ी उसने रानी को आवाज दी और उसके पास गया तो देखा कि रानी तो नींद में चल रही है। लेकिन ऐसा पहले तो कभी रानी नींद में नहीं चली फिर आज कैसे।
राजा ने रानी का हाथ पकड़ वापस बेड पर सुला दिया। सुबह राजा ने रानी से पूछा कल रात तुम्हे क्या हुआ था तुम नींद में चल रही थी।
रानी चोक कर बोली क्या मैं और नींद में । में कभी नींद में नहीं चलती ।
राजा बोले ठीक है कोई बात नहीं कभी कभी ऐसा हो जाता है तुम इस बारे में ज्यादा मत सोचो ठीक है ।
उधर रामू गुस्से से लाल हुआ था कि उस तांत्रिक ने मुझे मूर्ख तो नहीं बनाया। में अभी उसके पास जाकर पूछूंगा ।
गुफा में रामू ने तांत्रिक का गला पकड़ उससे कहा तूने मुझे मूर्ख बनाया ये विभूति किसी काम की नहीं। तूने जैसा कहा मेने वैसा ही किया लेकिन रानी नहीं आई।
तांत्रिक ने रामू हाथ झटक के कहा विभुति ने अपना काम किया और रानी आ ही रही थी कि राजा ने रोक लिया अब अगली बार ऐसा तब करना जब राजा रानी के पास ना हो ।
लेकिन रामू को इंतजार करना मंजूर नहीं था वो रोज ऐसा करता। राजा को अब ये सब सही नहीं लग रहा था। उस विभूति की असर से रानी की तबीयत भी बिगड़ रही थी ।
राजा को अब रानी कि फिक्र हो रही थी तो उन्होंने उस पंडित को बुलाया जिसने रानी की कुंडली देखी थी राजा ने सारी बात बताई और पूछा ये सब क्यू हो रहा है।
पंडित ने कहा कि रानी को उसकी नजर लग गई है जिससे उन्हें बचना था। राजा ने कहा पर ये कैसे मुमकिन है इस महल में मेरे अलावा कोई नहीं आता दास दासी भी दरवाजे से ही चले जाते है तो किसकी नजर लगी कौन हैं वो बताइए हमें वो हमारी रानी को कुछ करे उससे पहले हम उसकी जान ले लेंगे ।
वो कौन है ये तो में नहीं बता सकता लेकिन इतना कह सकता हूं कि वो रानी पर कोई जादू कर रहा है। इतना कह कर पंडित ने अपने झोले से एक शक्ति धागा निकाला और राजा से कहा ये रानी के हाथ में बांध दीजिए ,काले जादू का असर ख़तम हो जाएगा।
राजा ने धागा बांधा और कुछ देर बाद रानी ठीक हो गई। अब रानी पर विभूति का असर नहीं हो रहा था वो बिल्कुल ठीक हो गई थी ।
रामू ने तांत्रिक से पूछा कि अब में क्या करू रानी पर तो कुछ असर नहीं हो रहा । मुझे रानी किसी भी हाल में चाहिए तांत्रिक ने कहा कुछ सोचता हूं अभी तुम घर जाओ वरना लोगो को शक होने लगेगा ।
रामू घर गया वहा राजा के सिपाही थे वो घबरा गया कहीं राजा को पता तो नहीं चल गया। सिपाही बोला रामू चल राजा ने तुझे बुलाया है। राजा ने पूछा क्या हुए रामू आज कल काम पर नहीं आ रहे हो ।रामू बोला नहीं महाराज थोड़ी तबीयत खराब थी बस इसीलिए ।
राजा बोले ठीक है। रामू फिर काम करने लगा लेकिन इस बार राजा को रामू की हरकतों पर शक हुआ कि रामू बीच बीच में कहा चला जाता है ।
एक दिन राजा ने कहा अब तुम यहां काम नहीं करोगे तुम हमारे पिता के पास जा कर रहोगे ।अब हमे तुम्हारी जरूरत नहीं है ।रामू बेचैन हो गया बिना कुछ बोले वहा से चला गया अगले दिन खबर मिली की रामू राज्य छोड कर चला गया है ।
रामू की इस हरकत से राजा का शक पक्का हो गया लेकिन वो पूरी सच्चाई जानना चाहते थे इस लिए अभी कोई हरकत नहीं की ।
रामू तांत्रिक के पास गया और तांत्रिक को बुरा भला बोलने लगा कि तू कोई तांत्रिक नहीं है तू ढोंगी है तेरे पास कोई शक्ति नहीं है अगर होती तो रानी मेरे पास होती । बातो ही बातो में तांत्रिक ने अपना राज बता दिया कि मेने शक्ति हासिल करने के लिए मेने अपने ही गुरु को मार दिया तब जाके मुझे ये शती मिली है ।रामू बोला क्या मतलब अगर में तुझे मार दू तो तेरी शक्ति मुझे मिल जाएगी ।
बोलते ही बोलते रामू ने तांत्रिक के सीने में चाकू से वार कर के मार दिया और तांत्रिक की सारी शक्ति रामू को मिल गई ।लेकिन रामू को उसका इस्तेमाल करना नहीं आता था रामू ने गुफा में से ही रानी को आवाज लगाई और चाकू से जमीन पर क्ट की का निशान बनाया तो रानी के हाथ का धागा टूट गया ।
रानी को रामू की आवाज सुनाई दे रही थी और वो मदहोश हो चल पड़ी रानी को नहीं पता था कि वो कहा जा रही है वो बस चले जा रही थी ।राजा ने इस बार रानी को नहीं रोका और रानी के पीछे चल दिए ।
रानी एक गुफा के पास रुक गई राजा वहीं पेड़ के पीछे छुप गए गुफा में से रामू आया और रानी के पास आकर रानी को घेरे लगाते हुए वो अपनी दिल की सारी बात बोलने लगा ।की कैसे उसने पहली बार रानी को देखा और रानी के लिए कैसे जादू टोना का सहारा लिया । राजा उसकी सारी बात सुन रहे थे और जैसे ही रामू ने रानी की तरफ हाथ बढ़ाने लगा ।राजा ने अपनी तलवार निकाली और उसके हाथ को कट दिया रानी वहीं बेहोश हो गई सिपाहियो ने रामू को पकड़ लिया और उसकी जान लेने के लिए तलवार चलाई तो रामू बोला अगर में मर गया तो रानी भी मर जाएगी ।
राजा ने सबको रुकने का आदेश दिया और पूछा तूने क्या किया है रानी को कौन सा जादू किया है ।बोल वरना ना तुझे जीने दूंगा ना मारने दूंगा ।रामू ने कहा अगर रानी मेरी नहीं तो किसी कि नहीं या बोल वो खुद खंजर से अपने आप को खतम कर लिया उसके मरते है रानी की भी सासे ऊपर नीचे होने लगी।
राजा ने बड़े बड़े वेद्य को बुलाया रानी का इलाज हो रहा था पर कोई फ़र्क नहीं हो रहा था रानी की सांसे धीरे धीरे कम हो रही थी ।राजा बेचैनी में इधर उधर टहल रहे थे तभी जमीन पर वो धागा दिखा जो रानी के हाथ में बांधा था । राजा ने झट से धागा लेके रानी के हाथ में धागा बांध दिया और धीरे धीरे रानी की तबीयत में सुधार होने लगा और रानी ने अपनी आंखे खोली राजा ने अपनी रानी को गले से लगा के बोले आज तो हमे लगा कि हमने आपको खो दिया।
राजा ने पंडित बुलाया और रानी पर से उस जादू के असर को पूरी तरह ख़तम कर दिया । अब रानी ने कहा जीना मारना सब उपर वाले के हाथ में है में मारने वाली हूं ये सोच इतने पहरे लगे फिर भी वहीं हुआ जो लिखा था में मर के बची क्योंकि मरना मेरी किस्मत थी मेरे पति की किस्मत में पत्नी का साथ जीवन भर का था इसलिए में बच गई । इसलिए अब से में भी बाकी सब लोगो की तरह आजाद रहना चाहती हूं । राजा ने रानी की बात मान आजादी दी ताकि वो खुलकर जी सके।
रानी पे जो संकट था राजा की सुज बुज और प्यार की शक्ति से टल गया अब राजा और रानी दोनों खुश थे रानी को भी पूरी आजादी मिली ताकि वो खुल के जी सके ।।