एक समय की बात है, एक गाँव था जिसका नाम उधोपुर था , जहा दो आलसी दोस्त Munja और mochan रहते थे| दोनों दिन भर घूमते रहते थे , ना कुछ काम ना कुछ धंधा बस बेकार में ही दिन को गुजारते रहते थे|
दोनों के परिवार वाले उनके अलासपन से परेशान होकर उनको अपने घर से निकाल दिये|
दोनों ने अपना सामान बांधा और निकल पड़े शहर के तरफ रास्ते में mochan को पर्स मिला जिसमे दस हजार रुपये थे, उसने सोचा की क्यों ना इस पैसे का सदुपयोग किया जाये और उसने Munja से बातया की उसे पर्स में दस हजार रुपये मिले है|
Munja -बोल भाई मोचन क्यों ना हम इस पैसे को बाँट कर कुछ काम धंधा करे|
मोचन– ठीक कहते हो भाई तुम पांच हजार ले लो और मैं पांच हजार ले लेता हु|और दो वर्षो के बाद हम इसी जगह पर मिलेंगे
Munja — ठीक है! लेकिन हमें अपना ये अलासपन दूर करना पड़ेगा |
यह कहकर दोनों चल पड़े मुंजा ने व्यापर का रास्ता चुना और ईमानदारी से व्यापार में लग गया |
मोचन ने सोचा की मेहनत करने से तो बेहतर है की मै इस पैसे से जुआ खेलकर जल्दी धनी बनजाऊं, उसने जब पहली बार जुआ खेला तो उसे अपने लगाये गये पैसे से दोगुना लाभ हुआ , लालच में मोचन हर रोज जुआ खेलता , उससे उसने बहुत से पैसे जीतकर गाड़ी,घर,नौकर -चाकर रख लिए सिर्फ एक महीने में वह शहर का धनि व्यक्ति बन गया|
उसने शाद्दी कर लिया तथा उसे दो जुड़वे बच्चे हुए |लेकिन मोचन को दोस्तों के साथ रहते हुए उसे शराब की लत लग गई थी ,और वह एक दिन शराब पीकर जुआ खेलने गया और एक एक करके अपना सारा गाड़ी ,घर ,पैसे हार गया | और और वह अपने परिवार के साथ रोड पर आ गाया|
लेकिन मुंजा को व्यापर में इतना नुकसान हुआ की उसे साहुकारो से उधर लेना पड़ा लेकिनउसने अपनी मेहनत और लगन से व्यापर में लगा रहा और आखिर में उसे सफलता मिल गयी , उसे फायदा होते गया उसने सारे उधार चूका दिये |
और मुंजा शहर के धनि व्यक्तियों में गिनाने लगा |मुंजा ने भी अपनी शादी कर लिया और इसको एक बेटा हुआ, उसने इस खुशी में शहर के सभी गरीबो को खाने के लीये बुलाया|
बेचारा मोचन शहर में अपने परिवार के साथ भूखे भटक रहा था, जब उसने सुना की गरीबो को भोजन कराया जा रहा है तो वह भी दोडा चला गया|
उसने देखा की यह तो उसका दोस्त मुंजा है तो वह उसके पास गया और बोला भाई मुंजा तुम तो बहुत बड़े आदमी बन गए हो, मुंजा ने जब मोचन को देखा तो उसने उससे पूछा की तुम्हारी ऐसी हालत कैसे हुई मोचन ने अपनी सारी बात बताया की उसने कैसे जुआ में अपना सारा पैसा, घर सब कुछ हार गया |
मुंजा बोला की देख लो मित्र गलत रस्ते पर चलकर कमाया हुआ धन जायदा देर तक नहीं रहता है |
मुंजा ने मोचन तथा उसके परिवार वाले को खाना खिलाया और नये कपडे भी दिये|
और वह मोचन को कुछ रुपये देकर बोला की तुम भी ईमानदारी तथा मेहनत से कमाओ गलत रस्ते पर चलने से गलत ही होता है|
मोचन ने मुंजा से वादा किया की वह अब मेहनत से कमाएगा |और दोनों दो वर्षो बाद अपने गाव लौटे जब घर वालो ने उनको देखा तो पहचान ही नहीं पाएं की ये दोनों कामचोर आलसी मुंजा और मोचन है|
इनकी तरक्की पर वे भी हैरान थे ,दोनों के परिवार वाले ने उनका स्वागत किया और दोनों खुशी -खुशी रहने लगे|