Sundar Pichai नाम का एक गरीब बच्चा कहां से कहां जाकर पहुंच गया। भविष्य में रहो।

जब स्टूडेंट थे तब टीवी नहीं देखी। नए कपड़े नहीं खरीद पाते थे। आज दुनिया के सबसे ज्यादा सैलरी पाने वाले CEO चेन्नई का व लड़का Sundar Pichai नई शर्ट खरीदने से पहले भी कई बार सोचता था।

क्योंकि उसे लगता था कि ऐशो आराम की चीजें खरीदने से कहीं अपनी पढ़ाई की सामग्री से समझौता ना करना पड़े। उसके जीवन में परिवार से बढ़कर कुछ था तो वो थी।

किताबें पिता नौकरी जरूर करते थे लेकिन उनके दो कमरे के फ्लैट में टीवी नहीं थी। सो उन्होंने स्टूडेंट रहते टीवी नहीं देखी। कार नहीं थी तो कार में कभी नहीं बैठे आज वह समय ही आ गया

कि चेन्नई का यह लड़का दुनिया में सबसे ज्यादा सैलरी पाने वाला CEO बन गया।

Google के CEO Sundar Pichai की। सुंदर को 2019 में कूल 28.1 करोड़ों डॉलर या 2144.53 करोड़ रुपए की सैलरी मिली।

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हर महीने करीब 175 करोड़ रुपए सुंदर ने हाल ही में 5 करोड रुपए भारतीय प्रवासी मजदूरों को दान दिए थे। चेन्नई में 1975 में जन्मे सुंदर पिचई कमल नाम पिचई सुंदर्राजन है। लेकिन उन्हें सुंदर पिचई के नाम से जाना जाता है।

Sundar Pichai ने अपने बैचलर डिग्री आईआईटी खड़कपुर से ली है। उन्होंने अपने बैच में सिल्वर मेडल हासिल किया था। अमेरिका में सुंदर ने एम एस की पढ़ाई स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से की वोर्टन यूनिवर्सिटी से एमबीए किया।

Pennsylvania यूनिवर्सिटी में साइबल स्कॉलर के नाम से जाना जाता है। सुंदर पिचाई ने 2004 में गूगल जॉइन किया था। उस समय वह प्रोडक्ट और इनोवेशन ऑफिसर थे।

University of Pennsylvania trustees prevail in real estate battle with former commercial tenant | Pennsylvania Record
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सुंदर सीनियर वाइस प्रेसिडेंट एंड्राइड क्रोम एप्स विजन रह चुके हैं। गूगल का सीनियर वीपी प्रोडक्ट चीफ बनाया गया था एंड्राइड ऑपरेटिंग सिस्टम की डेवलपमेंट 2008 में लांच हुए

गूगल क्रोम मैं उनकी बड़ी भूमिका रही है। आर्थिक तंगी के दिनों में सुंदर पिचाई 1995 स्टैनफोर्ड में बतौर पेइंग गेस्ट रहते थे। पैसे बचाने के लिए उन्होंने अपनी पुरानी चीजें इस्तेमाल की। लेकिन पढ़ाई से समझौता नहीं किया।

वे पीएचडी करना चाहते थे लेकिन परिस्थितियां ऐसी बनी के उन्हें बतौर प्रोडक्ट मैनेजर अप्लाइड मटेरियल ईंक में नौकरी करनी पड़ी। प्रसिद्ध कंपनी मैकिंग्स में बतौर कंसलटेंट काम करने तक भी उनकी कोई पहचान नहीं थी।

1 अप्रैल 2004 को वो गूगल में आए। सुंदर का पहला प्रोजेक्ट, प्रोजेक्ट मैनेजमेंट रिनोवेशन शाखा में वो आऐं रिनोवेशन शाखा में गूगल के सर्च टूल बार को बेहतर बनाना ब्राउज़र के ट्रैफिक को गूगल पर लाना था।

इसी दौरान उन्होंने सुझाव दिया कि गूगल को अपना ब्राउज़र लांच करना चाहिए। इसे एक आईडिया से भी गूगल के संस्थापक लैरी पेज के नजरों में आ गए। इसी आईडिया से उन्हें असली पहचान मिलना शुरू हो गई।

2008 से लेकर 2013 के दौरान सुंदर पिचाई के नेतृत्व में क्रोम ऑपरेटिंग सिस्टम की सफल लॉन्चिंग हुई

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उसके बाद एंड्राइड मार्केटप्लेस में उनका नाम दुनियाभर में मशहूर हो गया। सुंदर ने हीं गूगल ड्राइव, जीमेल एप, और गूगल वीडियो प्रोडक्ट बनाया है।

सुंदर द्वारा बनाए क्रोम ‌ ओ एस और android.app ने उन्हें गूगल के शीर्ष पर पहुंचा दिया। एंड्राइड डिवीजन उनके पास आया और उन्होंने गूगल के अन्य व्यवसाय को आगे बढ़ाने में अपना योगदान दिया।

पिचाई की वजह से गूगल ने सैमसंग को अपना साझेदार बना लिया। प्रोडक्ट मैनेजर के रूप में जब सुंदर ने जब गूगल जॉइन किया था। तो इंटरनेट यूजर्स के लिए रिसर्च किया।

हालांकि काम ज्यादा मजेदार नहीं था। फिर भी उन्होंने खुद को साबित करने के लिए अन्य कंपनी से बेहतर संबंध बनाएं। ताकि टूल बार को बेहतर बनाया जाए।

उन्हें प्रोडक्ट मैनेजमेंट का डायरेक्टर बना दिया गया। 2011 में जब लैरी पेज गूगल के सीईओ बने तो उन्होंने तुरंत पिचाई को प्रमोट करते हुए सीनियर वाइस प्रेसिडेंट बना दिया था।

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